आज का दिन पहला नवरात्रा है, दिन शुभ है, कुछ नया सोचा है, चाहता हु कुछ करू.
पता नहीं क्यों मुझे ऐसा क्यों लगता है कि मैं कुछ अलग करने के लिए इस दुनिया में आया हूँ. मैं लोगों का भला करना चाहता हूँ. लोगों के दुःख दूर करना चाहता हूँ. मैं नहीं जानता कई ऐसा मैं कैसे कर सकता हूँ. लेकिन मैं करना चाहता हूँ. जिससे मेरे आसपास के लोगो कि तकलीफें दूर हो.
सोचता हूँ क्या कर सकता हूँ.
कृष्णा शर्मा